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गेल ओमवेट

डॉ बी आर अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन एवं विकास विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

गेल ओमवेट इग्नू (प्ळछव्न्) में सामाजिक परिवर्तन और विकास की डॉ. बी. आर. अंबेडकर पीठ की भूतपूर्व चेयर प्रोफेसर हैं। 
 

इनका जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका के मिनिपोलिस शहर में हुआ और कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से इन्होंने समाजशास्त्र में परास्नातक और पीएचडी की उपाधियाँ प्राप्त कीं। 1983 से ही आपको भारत की नागरिकता प्राप्त है। गेल ओमवेट ने भारत में दलित और जाति-विरोधी आंदोलनों, पर्यावरण आंदोलनों, किसान आंदोलनों और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के आंदोलनों जैसे कई सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन्होंने दक्षिणी महाराष्ट्र के सांगली और सतारा जिलों में परित्यक्त महिलाओं के मुद्दों पर काम करने वाली संस्था स्त्री मुक्ति संघर्ष चलवल और महिलाओं के भूमि अधिकारों एवं राजनीतिक शक्ति के मुद्दों पर काम करने वाली शेतकारी महिला अगाड़ी में सक्रिय रही हैं।
 

सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित उनकी पुस्तकें हैं- कल्चरल रिवोल्ट इन अ कोलोनियल सोसाइटीः द नॉनब्राहमन मूवमेंट इन वेस्टर्न इंडिया (1976 की पुस्तक का पुनर्मुद्रण) (New Delhi, Manohar, 2011), अंडरस्टैंडिंग कास्टः फ्रॉम बुद्धा टू अंबेडकर एंड बियॉन्ड ;छमू क्मसीपरू व्तपमदज ठसंबोंदए 2011द्धए सीकिंग बेगमपुराः द सोशल विज़न ऑफ़ एंटी-कास्ट इंटिलेक्चुअल्स ;छमू क्मसीपए छंअंलंदंए 2009द्धए अंबेडकरः टुवर्ड्स ऐन एनलाइटेंड इंडिया (Penguin, 2005),बुद्धिज़्म इन इंडियाः चैलेंजिंग ब्राह्मनिज़्म एंड कास्ट (Sage India, 2003), दलित विज़न्स (Orient Longman, 1995), दलित्स एंड द डेमोक्रेटिक रेवोलूशन (Sage India, 1994), रीइन्वेंटिंग रेवोलूशनः न्यू सोशल मूवमेंट्स एंड द सोशलिस्ट ट्रेडिशन इन इंडिया (M.E. Sharpe, 1993), वायलेंस अगेंस्ट विमेनः न्यू थ्योरीज़ एंड न्यू मूवमेंट्स इन इंडिया (Kali for Women, 1991),वी शैल स्मैश दिस प्रिज़नः इंडियन विमेन इन स्ट्रगल (Zed, 1980) और कल्चरल रिवोल्ट इन अ कोलोनियल सोसाइटीः द नॉनब्राहमन मूवमेंट इन महाराष्ट्र (Scientific Socialist Education Trust, 1966)हाल ही में इन्होंने भारत पाटणकर के सहयोग से मराठी से अंग्रेजी में अनुवाद पर काम किया है, जिसमें वसंत मून की ग्रोइंग अप इन अनटचेबल इंडियाः अ दलित ऑटोबायोग्रफी (Rowman and Littlefield, 2000)भी शामिल है। उन्हें आईसीसीएसआर द्वारा भक्ति आंदोलन पर राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान की गई है। गेल ओमवेट ने भारत पाटणकर के साथ तुकोबा के गीत (अनुवाद) का भी प्रकाशन किया है।