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के. जी. करमाकर

पूर्व प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)

के.जी. करमाकर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय रिज़र्व बैंक और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में बतौर बैंक कार्यकारी कार्य करने का 36 वर्षों का अनुभव रहा है। वे हाल ही में एस पी जैन इंस्टीट्यूटऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च से प्रोफ़ेसर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जहां उन्होंने 2011 से 2017 तक अध्यापन किया। उन्हें वाणिज्यिक बैंकिंग, केंद्रीय बैंकिंग और विकास बैंकिंग का प्रशासनिक अनुभव है, साथ ही ग्रामीण बैंकों/सहकारी समितियों की रणनीतियों में सुधार लाने और सूक्ष्म वित्त तथा ग्रामीण विकास संबंधी अनुभव भी है। उन्होंने सूक्ष्म वित्त, वित्तीय समावेशन और छोटे किसानों की फसल के बाद की आवश्कयताएं आदि विषयों पर 12 पुस्तकों का लेखन किया है और विभिन्न जर्नल्स के लिए 100 से अधिक लेख लिख चुके हैं। श्री करमाकर ने नाबार्ड में बतौर प्रबंध निदेशक/मुख्यकार्यकारी अधिकारी 5 वर्षों तक सेवाएं दीं। वे नाबार्ड के सलाहकार खंड नाबकॉन्स के भी अध्यक्ष रहे। उन्हें जेबीआईएमस, मुंबई विश्वविद्यालय से वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर उपाधि और पीएचडी प्राप्त है। वे एआईसीआई, नई दिल्ली, सीएमए-आईआईएम, अहमदाबाद, एनआईआरडी, हैदराबाद, केवीआईसी, मुंबई समेत भारत की 18 संस्थाओं के निदेशक मंडल के सदस्य रहे हैं। वर्तमान में वे एमसीएक्स इंवेस्टर प्रोटेक्शन फंड, मुंबई के अध्यक्ष हैं और कई प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठनों के बोर्ड से जुड़े हुए हैं।