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अर्णब के. देब

सह - प्राध्यापक, अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (आईएमआई), कोलकाता

अर्णब के. देब वर्तमान में दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (IMI), में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कनेक्टिकट विश्वविद्यालय, स्टोर्स, U.S.A से अर्थशास्त्र में Ph.D. की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीएससी और एमएससी डिग्री प्राप्त की। शिक्षण और शोध में उनके पास लगभग दस वर्षों का अनुभव है। उनकी शोध रुचि में व्यष्टि अर्थशास्त्र, औद्योगिक संगठन, संस्थागत अर्थशास्त्र और डेटा इनवेलोप्मेन्ट एनालिसिस (DEA) सम्मिलित हैं। उन्होंने NSF (नेशनल साइंस फाउंडेशन)- द्वारा वित्त पोषित परियोजना ‘इकोनॉमिक एंड सोशल राइट्स: ऑब्स्टेक ल ऑर हैंडमेडेन टू ग्रोथ ?’ पर काम किया है। इस परियोजना में उनकी प्रमुख ज़िम्मेदारी, उस सीमा के एक संकेतक को परिभाषित करने के लिए, जिसमें देश आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध (आईसीईएससीआर) के तहत अपने आर्थिक और सामाजिक अधिकार के दायित्वों को पूरा कर रहे हैं, वैकल्पिक दृष्टिकोण तैयार करना था। पीएचडी प्रोग्राम से जुड़ने से पूर्व उन्होंने, रिसर्च एसोसिएट के रूप में एसी नील्सन ORG Marg, कोलकाता में कार्य कि या और दो परियोजनाओं, “डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग ऑफ़ ऑल प्रोग्राम्स ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, इंडिया” और “मूविंग आउट ऑफ पावर्टी : ग्रोथ एंड डेमोक्रेसी” पर काम किया था। उन्होंने राष्ट्रीय और साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और शोध पत्र प्रस्तुत किया है। वर्तमान में, वह IMI, दिल्ली और Sage, India से प्रकाशित होने वाले जर्नल इमर्जिंग इकोनॉमी स्टडीज़ के संपादनकार्य को संभालते हैं। उन्हें अपने करियर में कई फैलोशिप और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्हें वर्ष 2007 से 2011 की अवधि तक के लिए अर्थशास्त्र विभाग द्वारा “प्री-डॉक्टोरल फैलोशिप ” और वर्ष 2012 में ग्रेजुएट स्कूल द्वारा “डॉक्टोरल डेसर्टेशन फैलोशिप ” से सम्मानित किया गया था। 2011 में, उन्हें कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा ‘अब्राहम रिबिकॉफ ग्रेजुएट फैलोशिप’ भी प्रदान की गई थी।