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कृष्णमूर्ति श्रीनिवासन

मानद आचार्य, इंस्टिट्यूट फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज, बंगलुरु

कृष्णमूर्ति श्रीनिवासन पांच दशकां से भी अधिक समय से जनसंख्या अध्ययन संबंधी शोध-अनुसंधानों में बहुत मूल्यवान योगदान करते आ रहे हैं। ये अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त जनसांख्यिकीयविद् हैं जिन्होंने अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय समितियों और संघों के माध्यम से देश की सेवा की है। ये राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्य रहे हैं। ये इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज, मुम्बई में वरिष्ठ आचार्य और निदेशक रहे (1978-1992)। पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अधिशासी निदेशक के रूप में 1995-2002 की अवधि में इन्होंने परिवार नियोजन, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका को प्रोत्साहन एवं संवर्धन प्रदान किया। ये संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या प्रभाग में भी कार्यरत रहे हैं जहां उनके कार्य को अन्य देशों द्वारा भी सराहा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा गठित कार्यदल के अध्यक्ष के रूप में इन्होंने चीन में जनसंख्या अनुसंधान केन्द्रों के लिए नीतियों की सिफारिशें भी की थीं।   आचार्य श्रीनिवासन ने 15 से अधिक पुस्तकों की रचना या उनमें योगदान के साथ 100 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित शोध प्रकाशनों का श्रेय भी अर्जित किया है। इन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से गणित में एम.ए. की उपाधि पाई और बाद में कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान से सांख्यिकी निष्णात (परास्नातक) की उपाधि अर्जित की। फिर इन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से सार्वजनिक स्वास्थ्य में परास्नातक तथा केरल विश्वविद्यालय से जनसांख्यिकी वारिधि (च्ीण्क्) की उपाधियां अर्जित की। ये 2013-15 में भारतीय समाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ;प्ब्ैत्द्ध में जनसंख्या अध्ययन के राष्ट्रीय अध्येता थे और डप्क्ै, चेन्नई से संबद्ध थे। संप्रति ये इंस्टिट्यूट फॉर सोशल एंड इकनोमिक चेंज, बंगलुरू में एक मानद् आचार्य हैं।