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Syed Nawab Haider

सैय्यद नवाब हैदर नक़वी

एचईसी गणमान्य राष्ट्रीय प्रोफेसर, फेडरल उर्दू यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इस्लामाबाद।

सैय्यद नवाब हैदर नक़वी वर्तमान समय में फेडरल उर्दू यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इस्लामाबाद में उच्चतर शिक्षा आयोग (एचईसी) के गणमान्य राष्ट्रीय प्रोफेसर एवं महानिदेशक हैं। दिसम्बर, 2009 में उनके दीर्घकालिक एवं प्रतिष्ठित शैक्षणिक कार्यों को मान्यता प्रदान करते हुए उन्हें आजीवन शैक्षिक उपलब्धि पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्होंने सन् 1961 में येल विश्वविद्यालय से अपनी एम.ए. की उपाधि प्राप्त की थी तथा सन् 1966 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि अर्जित की और सन् 1971 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अपना पोस्ट-डॉक्टोरल कार्य संपन्न किया। उन्होंने अर्थशास्त्र के विविध पहलुओं पर बड़ी संख्या में लेखों, पुस्तकों एवं विनिबंधों का प्रकाशन किया है। उनके द्वारा धारण किए गए अनेकों शैक्षणिक एवं नीति-निर्धारक पदों में से कुछ इस प्रकार हैं: मिडिल ईस्ट टेक्निकल यूनिवर्सिटी में ओईसीडी प्रोफेसर (1972-1975); कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय, इस्लामाबाद में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर (1975-1980); आमंत्रित प्रोफेसर, हाइडलबर्ग विश्वविद्यालय (1978) कायद-ए-आज़म विश्वविद्यालय से अवकाश सहित; निदेशक, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स - 18 वर्षों (1979-1995) हेतु; सोसाइटी आफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स, इस्लामाबाद के संस्थापक अध्यक्ष; तथा नेशनल प्रोफेसर आफ इकोनॉमिक्स, पाकिस्तान सरकार (1996-2004)। वह सन् 1982 से 1993 तक कुआला-लम्पुर में एशिया-प्रशांत डेवलपमेंट सेंटर के प्रबंधन मंडल के अध्यक्ष एवं सदस्य भी रह चुके हैं। वह कई वर्षों के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की सब-लिंक परियोजना के सदस्य एवं अध्यक्ष भी रहे हैं। वह सन् 1992 में पाकिस्तान सरकार के द्वारा आठवीं पंचवर्षीय योजना के लिए गठित आर्थिक एवं सामाजिक कल्याण समिति के अध्यक्ष भी थे; तथा सन् 1980 में पाकिस्तान सरकार के वित्तमंत्री के द्वारा इस्लामीकरण समिति के अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए थे। प्रोफेसर नक़वी को सन् 1991 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा आर्थिक विज्ञान में सितारा-ए-इम्तियाज़ से पुरस्कृत किया गया था, तथा अर्थशास्त्र में उनके प्रतिष्ठित कार्य के लिए सन् 1992 में राष्ट्राध्यक्षों के इस्तांबुल शिखर सम्मेलन में उन्हें ईसीओ पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।