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संतोष मेहरोत्रा

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं

संतोष मेहरोत्रा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर है l वह भारत सरकार के प्लानिंग कमीशन (योजना आयोग) की दिल्ली स्थित एकमात्र शोध संस्था इंस्टिट्यूट ऑफ एप्लाइड मैनपावर रिसर्च के महानिदेशक थे । इससे पहले सन 2006  से लेकर 2009 तक वे रूरल डेवलपमेंट डिवीजन (ग्राम विकास विभाग) के प्रथम प्रमुख (हेड) और उसके बाद योजना आयोग के डेवलपमेंट पॉलिसी डिवीजन (विकास नीति विभाग) के प्रमुख के पद पर रह चुके हैं। वे भारत की 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) के अग्रणी रचनाकार रह चुके हैं। इतना ही नहीं, वे India Human Development Report 2011 पर कार्यरत टीम की भी अध्यक्षता कर चुके हैं। डॉ. मेहरोत्रा ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज में तीन सालों (2010-13) के लिए पार्किन विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए थे। उन्होंने यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) और यूनिसेफ (UNICEF) के लिए भी काम किया है। वे एक मानव विकास अर्थशास्त्री हैं। शोध के क्षेत्र में उनकी अभिरुचि उद्योग और व्यापार संबंधी विषयों से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा पर व्यापक आर्थिक नीतियों के प्रभाव, अनौपचारिक क्षेत्र और स्वास्थ्य एवं शिक्षा के अर्थशास्त्र तक विस्तृत है। उनकी पुस्तकों में Asian Informal Workers: Global Risks, Local Protection (2007, co-edited);     Eliminating Human Poverty: Macro-economic Policies for Equitable Growth (2007, co-authored);     The Economics of Elementary Education in India (2006, edited);  Universalizing Elementary Education in India: Uncaging the Tiger Economy (2005, co-authored);  Development with a human face: Experiences in Social Achievement and Economic Growth (1997, co-edited, translated into French);  India and the Soviet Union: Trade and Technology Transfer (1990)  उल्लेखनीय हैं। उनकी नवीनतम पुस्तकों में, Seizing the Demographic Dividend: Policies to Achieve Inclusive Growth in India; India’s Skills Challenge: Reforming Vocational Education and Training; और   Land Policies for Equity and Growth: Transforming the Agrarian Structure in Uttar Pradesh प्रमुख हैं। डॉ. मेहरोत्रा की यह तीसरी पुस्तक है जिसे सेज पब्लिकेशंस की ओर से प्रकाशित किया गया है।