सामाजिक विमर्श को यूजीसी केयर सूची (समूह I) में अनुक्रमित किया गया है
सामाजिक विमर्श सामयिक व ऐतिहासिक समीक्षा पर आधारित जरनल है। इसके प्रकाशन का उद्देश्य समाज और मानवीय संबंधों के अध्ययन द्वारा सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में सकारात्मक हस्तक्षेप करना, हिंदी में इससे जुड़े ज्ञान के सृजन और उसके प्रसार के अवसर उत्पन्न करना, हिंदी में समाज वैज्ञानिक पठन-पाठन सामग्री की मॉंग और उपलब्धता के बीच की खाई को, और अकादमिक जगत और वृहत्तर समाज के बीच पुल का निर्माण करना है। हिंदी में मौलिक समाज विज्ञान लेखन का मंच तैयार करना और विभिन्न समूह-आधारित और स्थानिक आख्यानों और विमर्शो को समाज वैज्ञानिक विमर्श की मुख्यधारा में समुचित जगह दिलाने का प्रयास करना है। विमर्श की भाषा और विषय-वस्तु ऐसी होगी जिसे ज्यादा-से-ज्यादा लोग आसानी से समझ सकें और उससे जुड़ाव महसूस कर सकें। इसमें सैद्धांतिक आलेखों के साथ-साथ अनुभवजन्य जमीनी शोध और तात्कालिक बिन्दुओं पर महत्ता दी जायेगी।
ISSN: | 25816543 |
Current volume: | 6 |
Current issue: | 2 |
Frequency: | Bi-Annual |
प्रोफेसर के.एल.शर्मा
समाजशास्त्र के पूर्व प्राध्यापक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
इस जर्नल में समाज विज्ञान की विभिन्न शाखाओं से संबंधित सैद्धांतिक आलेख, अनुभवजन्य/ज़मीनी शोध आधारित आलेख, टिप्पणियाँ और पुस्तक समीक्षाएँ प्रकाशित की जाएँगी।